मन्दिर के गुम्बज में धन

 


एक धनी व्यक्ति ने अपने धन को अपने घर में गढ़ढ़ा खोदकर दबा दिया । उस स्थान का केवल धनी व्यक्ति को ही पता था। उस धनी व्यक्ति ने एक बही (पैड) में सांकेतिक स्थान लिख दिया । धनी व्यक्ति की मृत्यु अचानक हो गई। 

पिता का संस्कार करके पुत्रों ने वह पैड उठाई जिसमें पिता जी कहता था कि इस बही में धन कहाँ है, यह लिखा है । जिसे पिता जी किसी को नहीं दिखाते थे। धनी व्यक्ति के मकान के आगे आँगन था, उस आंगन के एक कोने में मन्दिर बना था। बही (पैड) में लिखा था कि चाँदनी चौदस रात्रि 2 बजे सारा धन मन्दिर के गुम्बज में दबा रखा है। 

लड़कों ने मन्दिर का गुम्बज रात्रि के 2 बजे फोड़कर धन खोजा, कुछ नहीं मिला। बच्चों को बड़ा दुःख हुआ । एक दिन उनके पिता का मित्र दूसरे गाँव से शोक व्यक्त करने आया । बच्चों ने यथास्थान पर धन न मिलने की चिंता जताई। 

उस धनी के मित्र ने वह बही मॅगाई और व्याख्या पढ़ी तो कहा कि मन्दिर के गुम्बज का पुनः निर्माण कराओ। वैसा ही कराना। मैं फिर किसी दिन आऊँगा, तब धन वाला स्थान बताऊँगा। 

वह व्यक्ति चांदनी चौदस को आया। रात्रि के दो बजे जिस स्थान पर मन्दिर के गुम्बज की छाया थी, उस स्थान पर खुदाई कराई। सारा धन जो बही में लिखा था, वह मिल गया। बच्चे खुश तथा धनी हुए। 

आप मन्दिर का गुम्बज खोद रहे हो, कुछ भी हाथ नहीं आएगा यथास्थान वास्तविक मन्त्र  (सन्त रामपाल जी महाराज ) के पास हैं। उनको ग्रहण करके भक्ति धनी तथा सुखी हो जाओगे ।

#JagatGuru_SaintRampalJi

Comments