बुद्धिहीन भैंसा

एक गांव में एक झोटा (भैंसा) रहता था । वो इतना बलवान और दमखम वाला था कि अपने और आस पास के गांवो के झोटे को उस गांव में आने नही देता था  और अकेले गांव की जोहड़ (छोटा सा तालाब) में‌ पडा रहता अटखेलिया करता था वो अपने आप में प्रभु बन रहा था 
एक बार गांव में हाथी वाले आये और थोडी देर हाथी को‌ जल में नहाने छोडा हाथी नहाते नहाते थोडा सा शान्त होकर सूंड बाहर निकाल अंदर लेट गया ।
दूर से उस झोटे ने देखा आज कोई इस तलाब में कोई और झोटा आ गया है अभी इसकी खैर निकालता हुं वो भडक कर जल में उतरा और धीरे धीरे उस सूंड की तरफ बढने लगा तभी हाथी एक दम से खडा हो गया और जैसे ही खडा हुआ तो अपने से दुगुना आकार देख झोटा सिर पर पांव रखकर भागने लगा वो इतना भयभीत हो गया कि गांव की सीमा खत्म होने तक मुड़ कर भी नही देखा । ऐसा ही यह कबीर ज्ञान है कुछ शास्त्री और‌ वेद के वक्ता यूं समझ जाते है कबीर साहब तो शिक्षित नही थे उनका ज्ञान क्या होगा पर आज उसी कबीर साहब ने संत रामपाल जी को भेजा है । अब पढ लो वेद कतेब कुरान पुराण सब में‌ एक ही बात कहते  है कुल का मालिक एक कबीर साहब है । https://youtu.be/VqnMuoJ_yJU (सत्संग लिंक)

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