गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागू पाय

 कबीर , 

गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागू पाय ।

बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए ।।



कबीर साहब सनातन शाश्वत  परमात्मा है । 

पर हम सब को‌ संत रामपाल जी महाराज ने बताया वेदो , गीता , पुराणों , कुरान , कतेब , बाईबल‌ , गुरु ग्रन्थ साहिब इत्यादि धार्मिक ग्रन्थो में प्रमाण दिखाए उन तमाम संतो की वाणियां पढाई समझायी जिन्होने कबीर साहब को सतलोक में राजा के समान सिंहासन पर और धरती पर एक साधारण जुलाहे की तरह जीवन जीते हुये और ज्ञान देते हुये देखा । 


सृष्टी में सारनाम परमेश्वर के अलावा कोई नहीं देता है । 

 शिव जी ने तीन नाद बजा कर श्रैत्र को निर्जन कर फिर पार्वती जी को पांच मन्त्र दिये ।

वो कबीर साहब की भक्ति की प्राथमिक भक्ति में दिये जाते है और हर वो जन प्राप्त कर सकता है जो सारे विकार और बुराईयों को त्यागकर भक्ति चाहता है और वो मंत्र कबीर साहब नहीं , संत रामपाल जी महाराज देंगे फिर सतनाम और सारनाम ... 

 इसलिए कबीर साहब ने बहुत पहले वाणी कह दी 


गुरू गोविंद दोनों खड़े काके लागूं पाय ।

बलिहारी गुरु आपने,गोविंद दियो बताए ।। 

https://www.jagatgururampalji.org/adhyatmik_gyan_ganga.pdf

Comments