सतलोक की भक्ति और राह कैसे रहती‌ है ।

सन्तों की वाणी मे कहा है :- 
सोई गुरू पूरा कहावै, जो दो अक्षर का भेद बतावै । 
एक छुड़ावै एक लखावै, तो प्राणी निज घर को जावै ।।

 सिख गुरू, गुरू नानक देव साहेब जी ने कहा है :
 जे तू पढ़या पंडित, बिन दो अक्षर बिन दोय नावां । प्रणवति नानक एक लंघावे, जेकर सच्च समावाँ । ।

 परमेश्वर कबीर जी की वाणी गुरू ग्रन्थ साहेब जी में लिखी है :- 
कह कबीर अक्षर दोय भाख, होगा खसम तो लेगा राख ।

 जब आप त्रिकुटि पर पहुंचेंगे तो इस दास (संत रामपाल जी महाराज जी ) के रूप में परमेश्वर मिलेंगे। वे आपको धर्मराज के दरबार में ले जाएंगे, जो बांईं ओर वाले रास्ते में है । 
धर्मराज अर्थात् काल ब्रह्म के न्यायधीश के सामने परमेश्वर गुरू रूप धारण करके वकील की भूमिका करेंगे। 
हमारे वेद तथा गीता परमात्मा का संविधान है। परमेश्वर धर्मराज को गीता अध्याय 18 श्लोक 66 को दिखाएगा जिस में लिखा है ।
 गीता ज्ञान दाता ब्रह्म ने कहा है कि :- 
सर्व धर्मान् परित्यज माम्, एकम् शरण व्रज । 
अहम् त्वा सर्व पापेभ्यः मोक्षयिष्यामि मा शुच।।

 सरलार्थ :- ब्रह्म ने कहा कि मेरी भक्ति की सर्व कमाई मुझे छोड़कर तू उस एकम् जिसके समान अन्य नहीं है, की शरण में (व्रज) जा। मैं तेरे को सर्व पापों से मुक्त कर दूंगा, तू शोक मत कर।
 (गीता अध्याय 18 श्लोक 66) 

वहाँ पर सत्यनाम के दो अक्षरों में जो ऊँ नाम की कमाई अर्थात् ओम् जाप का भक्ति धन धर्मराज के दरबार में जमा करा दिया जाएगा । फिर वहाँ से आगे चलेंगे। त्रिवेणी में जो मध्य का रास्ता है, यह ब्रह्मरन्द्र है, यह सत्यनाम के दूसरे मन्त्र से खुलता है। 

सत्यनाम के पश्चात् सारनाम भी साधक को प्रदान किया जाता है जो परम अक्षर ब्रह्म अर्थात् सत्य पुरूष का मन्त्र है। 
जैसा गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में कहा है कि सचिदानन्द घन ब्रह्म अर्थात् सत्य पुरूष की प्राप्ति का तीन अक्षर का मन्त्र है :- ओम् (ऊँ), तत्, सत् । "ॐ" नाम ब्रह्म अर्थात् क्षर पुरूष का है। "तत्" मन्त्र यह सांकेतिक है, यह अक्षर पुरुष का नाम-जाप है। * "सत्", यह सारनाम कहलाता है, सांकेतिक है, केवल उपदेशी को बताया जाता है। यह परम अक्षर ब्रह्म अर्थात् सत्य पुरूष का नाम जाप है। जब आप इक्कीशवें ब्रह्माण्ड के अन्त में पहुँचोगे तो आपके साथ परमेश्वर मुझ दास (संत रामपाल) के रूप में चलेंगे, वहाँ ग्यारहवां द्वार है। वह "तत्" नाम से खुलेगा... 
(संत रामपाल जी महाराज के सत्संग से )
https://youtu.be/fzHEi5ciwNA

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