सतगुरु नानक देव जी भक्त प्रह्लाद जी के लोक में गए

एक समय भाई बाला तथा मरदाना को साथ लेकर सतगुरु नानक देव जी भक्त प्रह्लाद जी के लोक में गए। जो पृथ्वी से कई लाख कोस दूर अन्तरिक्ष में है। 

प्रह्लाद ने कहा कि हे नानक जी! आप को परमात्मा ने दिव्य दृष्टि दी तथा कलयुग में बड़ा भक्त बनाया है। आप का कलयुग में बहुत प्रताप होगा। यहां पर प्रह्लाद के लोक में) पहले कबीर जी आये थे या आज आप आये हो एक और आयेगा जो आप दोनों जैसा ही महापुरूष होगा ।

 इन तीनों के अतिरिक्त यहां मेरे लोक में कोई नहीं आ सकता। भक्त बहुत हो चुके हैं आगे भी होगें परन्तु यहां मेरे लोक में वही पहुँच सकता है, जो इन जैसी महिमा वाला होगा और कोई नहीं। इसलिए इन तीनों के अतिरिक्त यहां कोई नहीं आ सकता। 

मरदाने ने पूछा कि हे प्रह्लाद जी! कबीर जी जुलाहा थे, नानक जी खत्री हैं, वह तीसरा किस वर्ण (जाति) से तथा किस धरती पर अवतरित होगा। प्रह्लाद भक्त ने कहा भाई सुन :- नानक जी के सच्चखण्ड जाने के सैकड़ों वर्ष पश्चात् पंजाब की धरती पर जाट वर्ण में जन्म लेगा तथा उसका प्रचार क्षेत्र शहर बरवाला होगा। 

इस विषय में "जन्म साखी भाई बाले वाली" हिन्दी वाली में जिसके प्रकाशक हैं :- भाई जवाहर सिंह कृपाल सिंह एण्ड कम्पनी पुस्तकां वाले, बाजार माई सेवां, अमृतसर (पंजाब) तथा पंजाबी वाली के प्रकाशक है :- भाई जवाहर सिंह कृपाल सिंह पुस्तकां वाले गली-8 बाग रामानन्द अमृतसर (पंजाब)

सत्संग लिंक -> https://youtu.be/bjHT5Rwrqfo
www.jagatgururampalji.org

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