जीवन में किसी को भी शिक्षा देने से पहले अपने जीवन में शिक्षा धारण करना जरूरी है ।


 एक बार एक माता जी गुरु नानक देव जी के पास अपने बच्चे को लेकर गए और उनसे प्रार्थना करने लगी कि मेरा बच्चा मीठा बहुत खाता है । 

आप कृपा कर इसे समझाएं 

गुरु नानक देव जी ने कहा अगली पूर्णिमा को इसे लेकर आना तब इसे समझाऊंगा ।

अगली पूर्णिमा को वहीं माताजी उसी बच्चे को लेकर गुरु नानक देव जी के पास आई और गुरु नानक जी से वही बात हो रही थी तब गुरु नानक देव जी ने उस बच्चे को मीठा खाने से होने वाले नुकसान बताएं तब उसकी माता जी बोली यह बात तो आप उसी दिन भी बोल सकते थे तब गुरु नानक देव जी ने कहा कि मुझे भी मीठा खाने की आदत है जब मैं खुद नहीं छोड़ पाया तो दूसरों को कैसे शिक्षा दे सकता हूं इसलिए मैंने पहले यह आदत  खुद  छोड़ी  फिर इस बच्चे से गुजारिश कर रहा हूं ।


 इसलिए जीवन में किसी को भी शिक्षा देने से पहले अपने  जीवन में शिक्षा धारण करना जरूरी है ।

Comments